अद्भुत! कैलाश पर्वत का ऐसा दिव्य रूप न देखा होगा; तिब्बत के आसमान से दिखा विहंगम नजारा, ये वीडियो हमेशा के लिए सेव कर लेंगे

Kailash Mountain Amazing View From Sky Darshan Video
Kailash Mountain Darshan Video: कैलाश पर्वत... नाम सुनते ही मन में सीधे भगवान शिव का ख्याल आता है। आखिर हमारे महादेव के बसने का यही तो सबसे प्रिय स्थान है। भले ही हम अपनी आंखों से शिव का दीदार न कर पायें लेकिन कैलाश के कण-कण में शिव का वास है और हमें इसका एहसास भी होता है। हम जानते हैं कि, आप भी कैलाश पर्वत के दर्शन करना चाहते होंगे। कैलाश पर्वत के पास जाने की इच्छा होगी। इसलिए आज आप कैलाश पर्वत के घर बैठे ही अद्भुत दर्शन कर पाएंगे। ऐसे दर्शन कि मन भर आयेगा और कैलाश की दिव्यता आंखों को कहीं और नहीं जाने देगी।
कैलाश पर्वत का ऐसा दिव्य रूप न देखा होगा
दरअसल, कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए एक श्रद्धालु ने तिब्बत के अली पुलान से लौटते समय कैलाश पर्वत का विहंगम नजारा अपने कैमरे में कैद किया है। तिब्बत के आसमान से हवाई जहाज के अंदर से कैमरे में कैद किए गए कैलाश पर्वत का दिव्य रूप ऐसा दिख रहा है कि आंखें जहां की तहां बस ठहर जा रहीं हैं। ऊपर से देखने पर पवित्र कैलाश पर्वत दूध से घने सफ़ेद बादलों के बीच ढका नजर आ रहा है। पूरा कैलाश पर्वत बादलों से ढका हुआ है और केवल शिखर दिखाई दे रहा है.
कैलाश पर्वत के पास पवित्र मानसरोवर झील भी है
कैलाश पर्वत के पास ही पवित्र मानसरोवर झील भी है। मान्यता है कि यह मानसरोवर झील इस धरती ग्रह पर सबसे पवित्र और सबसे पवित्र स्थान है। मान्यता है कि पवित्र मानसरोवर झील में स्नान करने से तमाम पाप धुल जाते हैं। इसे मोक्ष प्राप्ति का भी मार्ग माना गया है। लेकिन मानसरोवर झील को प्रदूषण और गंदगी से बचाने के लिए यहां नहाने पर पाबंदी है। पहले यहां स्नान कर सकते हैं मगर अब नहीं। लिहाजा झील के पवित्र जल की कुछ बूंदों को ही अपने ऊपर छिड़क कर अपने पाप धोने होते हैं।
करीब 6 साल बाद शुरू हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा
करीब 6 साल बाद चीन के साथ सहमति बनने से कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिर से शुरू हुई है। भारत से श्रद्धालुओं के जत्थे चीन के अधिकार वाले तिब्बत क्षेत्र में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। अगस्त तक कैलाश मानसरोवर की यात्रा जारी रखी जाएगी। यात्रा के ऐलान के समय भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में बताया था कि, कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त 2025 तक आयोजित की जाएगी।
इस साल श्रद्धालुओं के 5 जत्थे, जिनमें से प्रत्येक में 50 यात्री होंगे, ये जत्थे उत्तराखंड से लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा करेंगे। वहीं 50-50 श्रद्धालुओं के 10 जत्थे सिक्किम से नाथू ला दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 का हिस्सा बनने के लिए श्रद्धालुओं को विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक वेबसाइट http://kmy.gov.in पर यात्रा के लिए आवेदन करने को कहा था।